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सकट चौथ पर कैसे करे भगवान गणेश और चंद्र देव की पूजा

सकट चौथ का व्रत माघ महीने में पड़ने वाली कृष्णा पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। हिन्दू महिलाये यह व्रत अपनी सन्तानो की लम्बी आयु के लिए रखती है। शास्त्रों के अनुसार जो माँ अपने बच्चो के लिए यह सकट चौथ का व्रत रखती है, उन बच्चो की आयु लम्बी होती और उनके जीवन में आने वाले सारे दुखो का नाश होता है। और उनके जीवन सुख और समृद्धि का अनुभव होता है।

इस साल यह सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी 2024 को सोमवार को पड़ रहा है। इसके अलावा भी इस व्रत को तिलकुटा चौथ, संकष्टी चतुर्थी, संकटी चौथ और माही चौथ के नामो से भी जाना जाता है। लोगो के बीच मान्यता है की इस दिन भगवान गणेश ने देवताओ के दुखो का नाश किया था। इस दिन भगवान गणेश के साथ साथ चंद्र देव की पूजा का भी विधान है। महिलाये चंद्र देव को अर्ध्य देकर विधिवत पूजा करती है और अपने बच्चो की लम्बी आयु और उनके सुख समृद्धि की कामना करती है।

कैसे करे भगवान गणेश की पूजा

सकट चौथ के व्रत के लिए महिलाये सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान कर अपने आप को शुद्ध कर ले। इसके बाद व्रती मताये भगवान गणेशः की पूजा आराधना करे, गणेश जी के मंत्रो का उच्चारण करे।  यहाँ आपकी सुबह की पूजा विधि समाप्त होती है।  इसके बाद आप पूरा दिन बिना कुछ खाये और पिए व्रत का पालन करे। शाम की पूजा विधि के लिए गणपति भगवान की मूर्ति को रख कर साथ में माँ दुर्गा की फोटो के साथ पूजन करे। भगवान गणेश और माँ दुर्गा की साथ में पूजा का बहुत महत्व माना जाता है। भगवन गणेश की पूजा में धूप, दीप, अगरबत्ती और फूलो से पूजन करे। गणेश भगवान के भोग लिए तिल और गुड़ से बने मोदक का इस्तेमाल करे, माना जाता है की गणेश भगवान को मोदक अधिक प्रिय है।

कैसे करे चंद्र देव की पूजा

भगवान गणेश और माँ दुर्गा की पूजन विधि समाप्त होने के बाद चंद्र देव की पूजा का विधान है। भगवान गणेश की आरती के बाद चंद्र देव दिशा की ओर व्रती महिलाये अपना मुख करके खड़ी हो जाये। फिर चंदमा को को जल समर्पित करे, साथ की चावल, चन्दन और फूल भी चढ़ाये। अंत में पूजा की समाप्ति के बाद प्रसाद को लोगो में बाट दे।

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