प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाब प्रचार के अंतिम दिन किया झारखण्ड का दौरा। झारखण्ड के दौरे पर राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए कैसा सन्देश है ? झारखण्ड के दौरे पर नयी चर्चा ने जनम ले लिया है। जिसको लेकर लोगो ने अनुमान लगाना शरू करदिया है। चर्चा इस बात की हो रही है की पांच राज्यों के चुनाब के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने अंतिम दिन यह झारखण्ड का दौरा क्यों किया और इसके पीछे बीजेपी का क्या उद्देश्य है। बीजेपी की छवि लोगो के बीच शरू से प्लानिंग के साथ चलने वाली पार्टी के रूप में हुयी है वही लोगो का अनुमान है की इस दौरे के पीछे पीएम मोदी का जरूर कोई प्लान है ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखण्ड रैली के लिए खूंटी जिले में उलिहातू जगह पहुंचे। ऐसा मना जाता है की उलिहातू में जन्मे बिरसा मुंडा को वहाँ के आदिवासी समाज के लोग उन्हें भगवान का दर्जा देते है। झारखण्ड दौरे पर पूछे पीएम मोदी ने आदिवासी समाज के लोगो के कल्याण के लिए २४ हज़ार करोड़ रूपये के परियोजना की घोषणा करदी है।
जिससे वहाँ के आदिवासी समाज बहुत प्रसन है। इसी के साथ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस पर विकसित भारत संकल्प यात्रा का भी आरम्भ किया ,वही केंद्र सरकार अपनी योजना के तहत इस दो महीने की चलने वाली यात्रा में अपनी उपलब्धियो को जनता तक पहुंचने का प्रयास करेगी।
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१५ नवंबर को अंतिम दिन था इन राज्यों के चुनबी प्रचार के लिए जहाँ हर उमीदवार हर पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोक दी वही पीएम मोदी का चुनाबी राज्यों से दूर झारखण्ड में आदिवासियों के बीच जाना साफ़ संकेत देता है की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी की निशाना आदिवासियों के वोटो पर है। अगर देखा जाये तो मध्यप्रदेश में ३१,छत्तीसगढ़ में ३४ , राजस्थान में १७ और तेलंगाना में ९ फीसदी आदिवासी है जिससे साफ़ जाहिर होता है की मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की जीत में आदिवासी मतदाताओं की अहम् भूमिका है।