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कैसे करे मालाओ से जाप जिससे भगवान हो प्रसन

यूं तो भगवान की पूजा लोग अपने अपने तरीके से करना पसंद करते है।  जैसे की यज्ञ करना , धूप- दीप से करना , तो कोई मालाओ से मंत्रो का जाप करके भगवान को प्रसन करने की कोशिश करते है। यह सारे ही तरीके हमारे शास्त्रों में लिखे की जिससे हम भगवान की पूजा कर सकते  है और उन्हें प्रसन कर सकते है। मंत्र जाप इनमे से सबसे ज्यादा प्रभावशाली मन गया है। ऐसा करने से आपको मन की शांति का अनुभव होता है और एकाग्रता बढ़ती है। अलग अलग मंत्रो से अलग अलग फायदे होते है। हर भगवन के मंत्रो के जाप के लिए अलग अलग मालाओ का महत्व हमारे शास्त्रों में बताया गया है। किसी विशेष माला से अगर मंत्रो का जपकिया जाये तो उसका प्रभाव ज्यादा होता है। वैसे अगर देखे तो मालाये बहुत प्रकार की होती है जिनमे मोती की माला, फूलो की माला, बीज की माला, रत्नो की माला, धातुओं की माला, आदि मालाये होती है। वही कुछ मलये वो भी होती है जिसे लोग गले में धारण करते है। लेकिन भगवान की पूजा के लिए कोनसी माला का करे चयन यह हम देखेंगे यहाँ।

  • रुद्राक्ष की माला – इस माला को सर्वश्रेष्ठ माला का नाम हमारे शास्त्रों में दिया गया है। ऐसा मन जाता है की इस माला से मेट्रो को जाप आसानी से होता है और इसका पूरा फल आपको मिलता है। रुद्राक्ष की माला का इस्तेमाल भगवान शिव को प्रसन करने के लिए किया जाता है। छोटे मनके वाली माला को ज्यादा शुभ माना जाता है। सोमवार के दिन भगवान शिव के मंदिर में बेलपत्र चढ़ा कर उनके शिवलिंग का अभिषेक करके रुद्राक्ष की माला से जाप करने पर आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।
  • तुलसी की माला – तुलसी की माला को भगवान विष्णु का सबसे प्रिय बताया गया है। इसलिए भगवान विष्णु, कृष्णा, राम जी के मंत्रो का जप इस माला द्वारा करने को कहा गया है। तुलसी माला द्वारा मंत्रों के उच्चारण करने से आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। भगवान शिव और माता के मंत्रों के उच्चारण को तुसली की माला से नहीं करना चाहिए। तुलसी की माला को गले में धारण करने से यश और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
  • चन्दन की माला – चन्दन की माला के दो प्रकार होते है लाल चन्दन की माला और सफ़ेद चन्दन की माला। शरीर के उच्च रक्तचाप के इस माला को गले में धारण किया जाता है। लाल चन्दन की माला का इस्तेमाल माँ दुर्गा के मंत्रो के जाप के लिए किया जाता है। इसी के साथ साथ भगवान विष्णु, कृष्णा राम की पूजा में भी लाल चन्दन की माला का इस्तेमाल होता है। सफ़ेद चन्दन की माला का प्रयोग हम माता सरस्वती  और लक्ष्मी माँ की उपासना के लिए होता है।
  • स्फटिक की माला– माना जाता है हमारे शास्त्रों के अनुसार स्फटिक की माला पंचमुखी ब्रह्मा का साक्षात् स्वरूप है। स्फटिक की माला की माला इस्तेमाल माँ सरस्वती, माँ लक्ष्मी और माँ दुर्गा की मंत्रो के उच्चारण के लिए बहुत प्रभावशाली मानी गयी है। इस माला के प्रयोग से आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

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