Trending News
वनप्लस
वनप्लस ने भारत की वेबसाइट से टीवी, मॉनिटर श्रेणियां हटाईं, बाजार से संभावित वापसी के संकेत
माइक्रोसॉफ्ट
माइक्रोसॉफ्ट एआई-फोकस्ड विंडोज सॉफ्टवेयर बनाने के लिए नए टूल को बढ़ावा देता है
वोडाफोन आइडिया
वोडाफोन आइडिया ने आईओएस और एंड्रॉइड के लिए क्लाउड गेमिंग सेवा क्लाउड प्ले लॉन्च की
इंस्टाग्राम
इंस्टाग्राम उपयोगकर्ताओं को जल्द ही प्रायोगिक सुविधाओं तक पहुंच मिल सकती है: रिपोर्ट
congress politics
जाने कौन है वो कांग्रेस प्रत्यासी जिसने चुनाव लड़ने से किया इंकार
तीसरे चरण में बंद रहेंगे स्कूल कॉलेज
तीसरे चरण में बंद रहेंगे स्कूल कॉलेज जाने कहा किन शहरो में होंगे स्कूल बंद
जानिए मोटापे को कम करने के तरीके
जानिए मोटापे को कम करने के तरीके कारण और इसका इलाज
PM मोदी
PM मोदी राहुल गाँधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर क्या बोले
ज्वालामुखी
धधकते हुए ज्वालामुखी के अंदर महिला गिरी हुई दर्दनाक मौत

होशियार बनाने के लये बच्चो में ये आदत शुरू से डाले।

होशियार

होशियार बनाने के लये बच्चो में ये आदत शुरू से डाले।

होशियार बच्चा बनाना हर माता पिता  का सपना होता है।  माता पिता उम्मीद करते है की उनका बच्चा स्मार्ट और होशियार बने।  जिससे वो  भविष्य में सफल और अच्छा बन सके,अक्सर पेरेंट्स इस बात को लेकर कन्फूयज रहते है की कैसे बच्चों को कैसे होशियार और स्मार्ट बने जाये ताकि बह बड़े होकर अपने सपनो को हासिल कर सके , लेकिन बच्चों को स्मार्ट और होशियार  बनाने का कोई फार्मूला नहीं है लेकिन पेरेंट्स की अहम भूमिका होती है , बच्चों को होशियार बनाने में।

बच्चों को होशियार बनाने के लिए  सही और सकारात्मक आदतें सिखाना उनके समझदारी और सामाजिक विकास में मदद कर सकता है। यह आदतें उन्हें सबसे पहले ही अच्छी आदतें बनाने में मदद करेंगी और उनका समर्थन करेंगी कि वे बड़े होकर सफल और समझदार बन सकते हैं। यहां कुछ ऐसी आदतें हैं जो बच्चों में शुरू से हो सकती हैं , बच्चों को स्मार्ट और होशियार  बनाने के लिए कई तरीके हैं जो उनके सामाजिक, मानविकी, और मानसिक विकास को समर्थन कर सकते हैं.

ये भी पढ़े :आइये जानते है, शिक्षा के लिए क्या-क्या सरकारी योजनाए है।

यहाँ कुछ सुझाव हैं: कुछ टिप्स दिए है,बच्चे को होशियार और स्मार्ट बनाने के लिए:

  1. पढ़ने की आदत: किताबें पढ़ने से  बच्चों का विकास सही से हो पाता है।  साथ साथ उनकी याददास भी तेज होती है, बच्चों को स्टारडिंग से ही किताबे पढ़ने की आदत डालें. बच्चों को शुरूवात से ही पढ़ाई की आदत डालना महत्वपूर्ण है। उन्हें रोज़ाना कुछ समय पढ़ने के लिए समर्थित करें ताकि वे बड़े होकर अध्ययन में सफल हो सकें। बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करने के लिए प्रेरित करें और उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में बताएं. उनकी पढ़ाई को उनकी रूचियों और प्रतिभाओं के साथ जोड़ें,इससे बच्चे होशियार भी बनेगे।
  2.  खेलने दे : बच्चों को खेलना भी बहुत जरुरी होता है इससे बच्चे का दिमाक भी सही रहता है , बच्चा चिड़चिड़ा भी नहीं होता है। और हेल्थ के साथ साथ उनका दिमाक भी तेज होता है ,और रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करना बच्चों के लिए हेल्थ के साथ – साथ दिमाक भी सही रहता है, इससे बच्चों का ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है बच्चा स्ट्रांग और फिट दीखता है। बच्चों के साथ खेलें , पेरेंट्स के लिए जरुरी है इससे पेरेंट्स और बच्चों के बीच में हेल्दी रिलेशन बनता है , जो उनके बच्चों का दिमाक का तेजी से विकास करता है
  3. साफसुथरी: सफाई की आदतें शिक्षित करना बच्चों को स्वच्छता में विशेषज्ञता प्राप्त करने में मदद कर सकता है। सफाई पे खास तोर पे धयान देना चाहिए।  हमारे बच्चे को भी सीखना चाहिए. इससे हमारा बच्चा बीमारी से बचेगा।
  4.  समय का प्रबंधन: बच्चों को समय का सही तरीके से प्रबंधन करना सिखाएं, जैसे कि खेलने, पढ़ाई करने, और सोने का सही समय निर्धारित करना।
  5.  सद्भावना और सहानुभूति: बच्चों को दूसरों के प्रति सहानुभूति और सद्भावना बनाए रखने के लिए प्रेरित करें।
  6.  स्वास्थ्य का ध्यान रखना: एक अच्छी डाइट बच्चों की ओवरआल हेल्थ के  लिए काफी जरुरी होता है , ब्रेन डेवलपमेंट के लिए बच्चों को ओमेगा -३ फैटी आसिड से भरपूर  चीजे खिलाये साथ- साथ फल सब्जी , दालें प्रोटीन को भी शामिल करे। उन्हें स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम, और अच्छी नींद की महत्वपूर्णता सिखाएं।
  7.  समस्याओं का सामना: बच्चों को समस्याओं का सामना करने का सामर्थ्य दें और उन्हें सही तरीके से हल करने का योजना बनाने में मदद करें। ताकि वो अपनी लाइफ में किसी भी प्रॉब्लम को सॉल्व करने की हिम्मत रखे.
  8.  सही और गलत का समझ: उन्हें यह सिखाएं कि कौन-कौन सी आदतें सही हैं और कौन-कौन सी आदतें गलत हो सकती हैं। जीवन बो वैसा ही सीखेंगे जैसा हम उनको सिखाएंगे इसलिए अच्छा गलत तो बताना चाहिए।
  9.  समृद्धि की प्रेरणा: उन्हें समृद्धि और सफलता की प्रेरणा दें, ताकि वे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध रहें। उनको सिर्फ पॉजिटिव ही बातें बोलना सीखना चाहिए , जिससे वो अपनी लाइफ में हमेशा पॉजिटिव ही सोचें।
  10. सोशल स्किल्स को विकसित करें: बच्चों को सोशल स्किल्स को सीखने और विकसित करने के लिए समर्थन करें, क्योंकि ये उनके सामाजिक और पेशेवर जीवन में मदद कर सकते हैं. इसका टाइम फिक्स रखें , क्यों की डिजिटल डिवाइस भले ही बच्चे की लर्निंग को इम्प्रूफ करता है लेकिन इससे नींद में खलल आदि की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।  ऐसे में ये भी जरुरी है की बच्चे का सोसिअल स्किल का टाइम फिक्स होता चाहिए।
  11.  रैजिंग क्यूरिअसिटी: बच्चों को जिज्ञासा और अन्वेषण की भावना से बढ़ावा दें. उन्हें नए चीजें सीखने के लिए प्रेरित करें और उनके प्रश्नों का समर्थन करें.
  12.  कला और साहित्य को प्रोत्साहित करें: कला, साहित्य, और सांस्कृतिक गतिविधियों को बच्चों के साथ साझा करने का प्रयास करें. इससे उनकी सोचने की क्षमता बढ़ सकती है और उन्हें विभिन्न परिप्रेक्ष्यों से समझ कर उन्हें बड़े होने में मदद हो सकती है.
  13.  उन्हें स्वतंत्रता दें: बच्चों को अपने विचारों को व्यक्त करने और स्वतंत्रता से सोचने के लिए अधिक स्वतंत्रता दें. यह उनकी सोचने की क्षमता को बढ़ा सकता है. अपने बच्चे को हमेसा बोलने का मौका दे उनके मन को पड़ने की कोशिश करे फिर बताये क्या गलत है क्या अच्छा।
  14.  स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करें: सही आहार, पर्याप्त नींद, और नियमित शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से उनके शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करें.

ये आदतें बच्चों को सही मार्ग पर लेने में मदद कर सकती हैं और उन्हें बड़े होकर समझदार और होशियार बनने में सहारा प्रदान कर सकती हैं।

ये सभी कारगर तरीके हैं जो बच्चों को स्मार्ट और होशियार बनाने में मदद कर सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप उनके स्वभाव, प्रतिभा, और रुचियों का समर्थन करें ताकि वे अपने पूरे पैटर्न में विकस सकें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top